फिर मौसम चुनाव का फिर मौसम चुनाव का
चुनावों के जो मौसम आ रहे हैं वो धागे प्यार के उलझा रहे हैं। चुनावों के जो मौसम आ रहे हैं वो धागे प्यार के उलझा रहे हैं।
गुल खिले, गुलशन जगे, खुशबू बना मौसम सृष्टि का कण-कण हुआ, रंगों भरा मौसम क्यारियाँ गुल खिले, गुलशन जगे, खुशबू बना मौसम सृष्टि का कण-कण हुआ, रंगों भरा मौसम ...
आपकी फ़ुर्कत में ये आलम रहा पतझड़ों जैसा हरिक मौसम रहा आपकी फ़ुर्कत में ये आलम रहा पतझड़ों जैसा हरिक मौसम रहा
ये पर्वत पे प्यासी घटाओं का मौसम, आओ यहाँ पे खो जाएँ हम। ये झरनों का संगम, गुलों सा ह ये पर्वत पे प्यासी घटाओं का मौसम, आओ यहाँ पे खो जाएँ हम। ये झरनों का संगम,...
वसन्त ऋतु हम सभी को आनंद देती है भारत में मार्च, अप्रैल और मई के महीने में आती है सर वसन्त ऋतु हम सभी को आनंद देती है भारत में मार्च, अप्रैल और मई के महीने में आत...